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Tuesday, July 29, 2025
मुंशी प्रेमचंद जयंती - 31 जुलाई
मुंशी प्रेमचंद जयंती - 31 जुलाई
Tuesday, April 22, 2025
विश्व पुस्तक दिवस ,23 अप्रैल 2025
23 अप्रैल, विश्व पुस्तक दिवस: किताबों का सुंदर सजीला संसार
23 अप्रैल 1564 को एक ऐसे लेखक ने दुनिया को अलविदा कहा था, जिनकी कृतियों का विश्व की समस्त भाषाओं में अनुवाद हुआ। यह लेखक था शेक्सपीयर। जिसने अपने जीवन काल में करीब 35 नाटक और 200 से अधिक कविताएँ लिखीं। साहित्य-जगत में शेक्सपीयर को जो स्थान प्राप्त है उसी को देखते हुए यूनेस्को ने 1995 से और भारत सरकार ने 2001 से इस दिन को विश्व पुस्तक दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की।
'विश्व पुस्तक दिवस' प्रत्येक वर्ष 23 अप्रैल को मनाया जाता है। इसे विश्व पुस्तक एवं कॉपीराइट दिवस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिवस का आयोजन संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक संगठन, यूनेस्को (UNESCO) द्वारा किया जाता है। विश्व पुस्तक दिवस का आयोजन सर्वप्रथम 23 अप्रैल, 1995 मेँ किया गया था।
पुस्तकें मनुष्य की सच्ची मित्र होती है। पुस्तकों से ही विकास का मार्ग प्रशस्त होता है।पुस्तकें ज्ञान का भण्डार होती हैं। पुस्तकों से अच्छी शिक्षा ग्रहण करके जीवन को सफल बनाया जा सकता है।केवल विद्यार्थी ही नहीं वरन प्रत्येक मनुष्य को अच्छी पुस्तकें पढ़ने से लाभ प्राप्त होता है।पुस्तकों से हमारा ज्ञान, तर्कशक्ति व बौद्धिक क्षमता बढ़ती है।Ø Takes you to a world of “Dream”.
Ø Keeps you updated with facts & figures.
Ø It gives you a wonderful experience that you are in an Intellectual Environment.
Ø Travel around the world in the easiest way.
Ø Develops your Personality.
Ø Provide food for thoughts.
Ø It satisfies your curiosity & make you more confident.
Ø It makes you creative.
Ø It doesn’t require any special device.
Ø It doesn't require company.
Ø It builds your self-esteem.
Ø Spreads knowledge, information & emotional strength.
Ø Acts as a communication tool.
Ø It can change your life and vision.
Sunday, April 13, 2025
Ambedkar Jayanti Celebration 2025-26 (14.04.2025)
14 अप्रैल 2025 को देश 'भारत रत्न' 'संविधान निर्माता' बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती मनाएगा। एक सामाजिक-राजनीतिक सुधारक के रूप में आंबेडकर की विरासत का आधुनिक भारत पर गहरा असर हुआ है। भारत के सामाजिक, आर्थिक नीतियों और कानूनी ढांचों में अगर आज कहीं भी प्रगतिशील बदलाव दिख रहे हैं तो इसके पीछे कहीं न कहीं आंबेडकर के वो विचार हैं जो उन्होंने 60 से 75 साल पहले दिए। कहने में कोई गुरेज नहीं कि डॉ. आंबेडकर के वे विचार आज भी प्रासंगिक हैं।
Dr.B.R AMBEDKAR BOOK (His life and work)
Click on below link
👉 डॉ भीमराव अम्बेडकर से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियाँ
* वर्ष 2000 में, फिल्म निर्देशक जब्बार पटेल ने बाबा साहेब के जीवन चरित्र को प्रदर्शित करते हुए, एक फिल्म बनाई जिसका शीर्षक “डॉ॰ बाबासाहेब अम्बेडकर” था।
* 14 अप्रैल 2015 को, गुगल ने अपने होमपेज डुडल के माध्यम से अम्बेडकर के 124 वें जन्मदिन का जश्न मनाया था। यह डूडल भारत, अर्जेंटीना, चिली, आयरलैंड, पेरू, पोलैंड, स्वीडन और यूनाइटेड किंगडम में दिखाया गया था।
Source:- https://hindi.starsunfolded.com/bhimrao-ramji-ambedkar-hindi/
👉डॉ बी. आर. अम्बेडकर के विचार :
• जीवन लम्बा होने की बजाय महान होना चाहिए।
• मैं किसी समुदाय की प्रगति, महिलाओं ने जो प्रगति हांसिल की है उससे मापता हूँ।
• एक सफल क्रांति के लिए सिर्फ असंतोष का होना पर्याप्त नहीं है। जिसकी आवश्यकता है वो है न्याय एवं राजनीतिक और सामाजिक अधिकारों में गहरी आस्था।
• लोग और उनके धर्म सामाजिक मानकों द्वारा; सामजिक नैतिकता के आधार पर परखे जाने चाहिए। अगर धर्म को लोगो के भले के लिए आवशयक मान लिया जायेगा तो और किसी मानक का मतलब नहीं होगा।
• हमारे पास यह स्वतंत्रता किस लिए है ? हमारे पास ये स्वत्नत्रता इसलिए है ताकि हम अपने सामाजिक व्यवस्था, जो असमानता, भेद-भाव और अन्य चीजों से भरी है, जो हमारे मौलिक अधिकारों से टकराव में है को सुधार सकें।
• सागर में मिलकर अपनी पहचान खो देने वाली पानी की एक बूँद के विपरीत, इंसान जिस समाज में रहता है वहां अपनी पहचान नहीं खोता। इंसान का जीवन स्वतंत्र है। वो सिर्फ समाज के विकास के लिए नहीं पैदा हुआ है, बल्कि स्वयं के विकास के लिए पैदा हुआ है।
• आज भारतीय दो अलग -अलग विचारधाराओं द्वारा शोषित हो रहे हैं . उनके राजनीतिक आदर्श जो संविधान के प्रस्तावना में इंगित हैं वो स्वतंत्रता , समानता , और भाई -चारे को स्थापित करते हैं . और उनके धर्म में समाहित सामाजिक आदर्श इससे इनकार करते हैं।
• राजनीतिक अत्याचार सामाजिक अत्याचार की तुलना में कुछ भी नहीं है और एक सुधारक जो समाज को खारिज कर देता है वो सरकार को ख़ारिज कर देने वाले राजनीतिज्ञ से कहीं अधिक साहसी हैं।
बी. आर. अम्बेडकर का जीवन परिचय पढ़ने ले लिए दिए क्लिक करें
👉https://www.quickhindi.in/2020/04/dr-bhimrao-ambedkar-biography-in-hindi.html
👉 https://www.bharatdarshan.co.nz/magazine/article/child/170/ambedkar-biography.html
👉 https://www.1hindi.com/dr-bhimrao-ambedkar-life-history-hindi/
Friday, April 4, 2025
Monday, January 27, 2025
Sunday, January 26, 2025
REPUBLIC DAY- 26 JANUARY 2025
Republic Day 2025: India is celebrating its 76th Republic Day this year...
26 जनवरी 2025 को भारत का 76वां गणतंत्र दिवस है।
On the Occasion of our National Festival India is celebrating its 76th Republic Day this year. On this historic day in 1950, the country became a Republic and got its first president, Dr. Rajendra Prasad.
भारत में हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाते हैं। आज के दिन ही साल 1950 में देश में संविधान लागू हुआ था। गणतंत्र दिवस हमें हमारे वीरों और उनके संघर्ष की याद दिलाता है। यह राष्ट्रीय गौरव का दिन है। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राजपथ पर भव्य गणतंत्र दिवस समारोह का आयोजन होता है। राष्ट्रपति तिरंगा झंडा फहराते हैं। राष्ट्रगान और ध्वजारोहण के साथ उन्हें 21 तोपों की सलामी दी जाती है। अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं। राजपथ पर निकलने वाली झांकियों में भारत की विविधता में एकता की झलक दिखती है। परेड में भारत की तीनों सेना- नौ सेना, थल सेना और वायु सेना की टुकड़ी शामिल होती हैं और सेना की ताकत दिखती है।
गणतंत्र दिवस से जुड़ी रोचक जानकारी
26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू किया गया था। संविधान लागू होने के बाद हमारा देश भारत एक गणतंत्र देश बन गया। इस के 6 मिनट बाद 10 बजकर 24 मिनट पर राजेंद्र प्रसाद ने भारत के पहले राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। इस दिन पहली बार बतौर राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद बग्गी पर बैठकर राष्ट्रपति भवन से निकले थे।
यह संविधान ही है जो भारत के सभी जाति और वर्ग के लोगों को एक दूसरे जोड़े रखता है। भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। 2 साल, 11 महीने और 18 दिन में यह तैयार हुआ था। जय हिंद। संविधान को लागू करने के लिए 26 जनवरी का दिन इसलिए चुना गया, क्योंकि 1930 में इसी दिन कांग्रेस के अधिवेशन में भारत को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी।
तिरंगे से जुड़ी रोचक जानकारी
तिरंगे को 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया। इसके बाद भारतीय गणतंत्र ने इसे अपनाया। तिरंगे की चौड़ाई का अनुपात इसकी लंबाई के साथ 2 और 3 का है। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का एक चक्र है। यह चक्र अशोक की राजधानी के सारनाथ के शेर के स्तंभ पर बना हुआ है। भारत के संविधान को बनाने में दो साल और 11 महीने लगे। 1955 में गणतंत्र दिवस पर पहली परेड आयोजित की गई थी।
LIBRARIAN PM SHRI KV NO. 1 UDAHMAPUR
Sunday, December 15, 2024
KVS Foundation Day 2024
The 62nd Foundation Day of KVS will be celebrated in 15 DECEMBER 2024
KVS believes in imparting knowledge/values and nurturing talent, enthusiasm and creativity of its students for seeking excellence through high quality educational endeavours.
VISION - World Class Education Group
Thursday, November 14, 2024
National Library Week (14-20 November, 2024)
National Library Week (14-20 November, 2024)
National Library Week 2024 THEME: -
"Ready, Set, Library!"
The theme for National Library Week 2024, "Ready, Set, Library!" illustrating the fact that in addition to the books in library collections, available in a variety of formats, libraries offer so much more.
National Library Week is celebrated from 14th-20th November every year. Special morning assembly programmes and different competitions are organized in connection with National Library Week. On this auspicious occasion some presentations related to the library, has been presented by the students and teachers in Morning Assembly as well as library with the help of Reader’s Club. The celebration of National Library Week is a way to promote the joy of reading, appreciate the importance of the library services among children by bringing their school libraries into the spotlight.
Ayyanki Venkata Ramanaiah, who is recognized as “The Architect of Public Library
Movement in India”, states that the 1912 meeting in Madras led to the forming of the Indian Library Association. The ILA is said to have declared 14 November as the National Library Day since 1968. 14th to 20th November is being celebrated as the National Library Week all over India and various programs are held to enhance readers’ awareness about libraries.
👉Aim of National Library Week Celebrated in India
Bringing awareness among the readers, students, teachers about the importance of libraries in acquiring knowledge and information.
LIBRARIAN PM SHRI KV NO.1 UDHAMPUR
Activity Photographs
परीक्षा पर चर्चा 2023-24
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14 अप्रैल 2025 को देश ' भारत रत्न' 'संविधान निर्माता' बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती मनाएगा । एक सामा...